👫 भाई दूज क्यों मनाया जाता है? (Why is Bhai Dooj Celebrated?)
भाई दूज, जिसे भाऊ बीज, भाई टीका या यम द्वितीया भी कहा जाता है, दिवाली के पांचवे दिन मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है, जिसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, यमराजयमी
तभी से यह पर्व हर साल श्रद्धा, प्रेम और सुरक्षा
🪔 भाई दूज का महत्व (Significance of Bhai Dooj)
- Tilak ki Shakti: तिलक सिर्फ रोली और चावल का मिश्रण नहीं — यह बहन की दुआ होती है जो भाई के मस्तक पर रखी जाती है।
- Rishton ki Gehraai: भाई दूज में सिर्फ रक्षा का वचन नहीं, एक भावनात्मक जुड़ाव होता है जो हर साल नया रंग लाता है।
- Parivaarik Ekta: यह पर्व पूरे परिवार को एक साथ लाता है — मिलन, भोजन और उपहारों के माध्यम से।
- Spiritual Closure to Diwali: दिवाली के उत्सव का अंतिम दिन भाई दूज होता है — एक शुभ समापन जो रिश्तों को रोशन करता है।
📿 भाई दूज की रस्में और परंपरा (Rituals and Traditions)
- बहन अपने भाई को तिलक
- भाई बहन को उपहार
- दोनों एक साथ भोजन
- कुछ स्थानों पर भाई बहन के हाथ से बना भोजन
- बहनें व्रत
📖 भाई दूज की लोककथा (Folk Tale of Bhai Dooj)
एक लोककथा के अनुसार, एक बहन ने अपने भाई को तिलक करने के लिए व्रत रखा था। जब भाई यात्रा से लौटा, तो बहन ने उसे तिलक किया और भोजन कराया। उसी दिन से यह परंपरा शुरू हुई कि बहनें भाई को तिलक करके उसकी रक्षा की कामना करती हैं।
कुछ क्षेत्रों में इसे भाऊ बीजभाई टीका
🌟 निष्कर्ष (Conclusion)
भाई दूज सिर्फ एक पर्व नहीं, एक भावनात्मक बंधन
Sapno Ke Khyalat की तरफ से सभी भाई-बहनों को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं —
“तिलक में हो दुआ, वचन में हो विश्वास — भाई दूज हो हर साल खास।”
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