इजरायल-गाजा संघर्ष: निर्दोषों पर हो रहा नरसंहार और अंतरराष्ट्रीय मौन | Israel-Gaza Conflict: Massacre on Innocents and International Silence

पृष्ठभूमि

7 अक्टूबर 2023 को हमास के आक्रमण के बाद से इजरायल-गाजा संघर्ष एक भयावह रूप ले चुका है। हमास द्वारा इजरायली नागरिकों पर हमला निंदनीय था, लेकिन इजरायल की प्रतिक्रिया में गाजा पट्टी के निर्दोष फिलिस्तीनी नागरिकों का सामूहिक नरसंहार हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, इजरायली सेना द्वारा बमबारी, भूख और ब्लैकआउट के जरिए फिलिस्तीनियों को सामूहिक दंड दिया जा रहा है।



इजरायल द्वारा किए जा रहे अत्याचार

1. नागरिकों पर बमबारी

  • गाजा में अस्पतालों, मस्जिदों, स्कूलों और शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाया जा रहा है।

  • UN के आंकड़ों के अनुसार, 2,800+ फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें 1,000+ बच्चे शामिल हैं।

  • इजरायल ने "ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड" के तहत गाजा को तबाह कर दिया है।

2. बिजली, पानी और दवा पर प्रतिबंध

  • इजरायल ने गाजा की बिजली, पानी और ईंधन सप्लाई काट दी, जिससे अस्पतालों में मरीजों की मौत हो रही है।

  • WHO के मुताबिक, गाजा के अस्पतालों में जनरेटर बंद होने की कगार पर हैं

3. मानवीय संकट: भूख और विस्थापन

  • UNRWA की रिपोर्ट के अनुसार, 10 लाख से अधिक फिलिस्तीनी विस्थापित हो चुके हैं।

  • संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि गाजा में अकाल जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।


4. बच्चों और महिलाओं पर प्रभाव

  • UNICEF के अनुसार, हर 10 में से 4 मृतक बच्चे हैं।

  • हजारों महिलाएं अपने परिवार को खो चुकी हैं या राहत शिविरों में संघर्ष कर रही हैं।

  • मानसिक स्वास्थ्य संकट: बमबारी और विस्थापन के कारण बच्चे PTSD जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।




5. मीडिया कवरेज और सेंसरशिप

  • गाजा में पत्रकारों की हत्या और प्रेस पर हमले की खबरें सामने आई हैं।

  • सोशल मीडिया पर फिलिस्तीनी आवाजों को सेन्सर किया जा रहा है, कई पोस्ट हटाए या प्रतिबंधित किए जा रहे हैं।



अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: क्यों चुप है दुनिया?

  • अमेरिका और यूरोपीय देश इजरायल को बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं।

  • UN मानवाधिकार परिषद ने युद्ध अपराधों की जांच की मांग की है, जिसे इजरायल ने खारिज कर दिया।

  • भारत की प्रतिक्रिया: मोदी सरकार ने शुरुआत में इजरायल का समर्थन किया, लेकिन अब मानवीय सहायता की बात कर रही है।


निष्कर्ष: क्या यह नरसंहार है?

इजरायल का दावा है कि वह हमास के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि उसके हमलों में ज्यादातर निर्दोष फिलिस्तीनी मारे जा रहे हैं। अगर दुनिया ने अभी कदम नहीं उठाया, तो गाजा में एक और यमन, सीरिया या रवांडा जैसी त्रासदी हो सकती है।

"जब एक मासूम की जान ली जाती है, तो वह कोई संख्या नहीं, पूरी मानवता का दर्द होता है।"


क्या आपको लगता है कि इजरायल के कार्य युद्ध अपराध हैं? कमेंट में अपनी राय दें।


(स्रोत: UN, Al Jazeera, BBC, Human Rights Watch, UNICEF)
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